Thursday, March 23, 2023

बस कुछ पल

कभी एक सुबह ऐसी भी होगी,
सूरज होगा, पंक्षी होंगे, तितलियां ,
और होंगी बच्चों की किलकारियां,
कागज की नावें, खिलौने, और हलचल,
सब के बीच अनबुझा, अनदेखा मैं,
रहूंगा, और नही भी, दोनो के पार ।।
                                  सुबोध

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