Monday, November 21, 2022

यशोधरा का बुद्धत्व


अंधेरी रातों के सिंदूर माथे पर सजाए,
हर चढ़ते सूरज से उम्मीदें लगाए,
हे यशोधरे तूने जिए सुहागन वैधव्य,
ताकि सिद्धार्थ स्वयं अर्थ सिद्ध कर पायें।।

सुबोध